ओला इलेक्ट्रिक इस समय गिरती बिक्री और बाजार हिस्सेदारी में तेज कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इसी बीच कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल ने अपने हिस्से के कुछ शेयर बेच दिए हैं। भाविश अग्रवाल ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर एक बल्क डील के जरिए ₹91.89 करोड़ के शेयरों की बिक्री की है।
एक्सचेंज से मिली जानकारी के मुताबिक, भाविश अग्रवाल ने करीब 2.63 करोड़ शेयर ₹34.99 प्रति शेयर की कीमत पर बेचे। यह सौदा ऐसे समय हुआ है, जब ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर के आसपास कारोबार कर रहा है। डील के बाद शुरुआती कारोबार में शेयर करीब ₹34 के स्तर पर देखा गया, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।

Ola Electric ने साफ किया है कि यह शेयर बिक्री ₹260 करोड़ के प्रमोटर-लेवल लोन को चुकाने के लिए की गई है। कंपनी के अनुसार, भाविश अग्रवाल ने अपनी निजी हिस्सेदारी का एक छोटा हिस्सा भुनाया है ताकि पहले से गिरवी रखे गए 3.93% शेयरों को मुक्त कराया जा सके।
कंपनी ने बयान में कहा,“इस कदम के बाद सभी प्रमोटर प्लेज हट जाएंगे, जिससे शेयर पर बना अनावश्यक दबाव खत्म होगा। हमारा लक्ष्य ओला इलेक्ट्रिक को पूरी तरह Zero Pledge Structure पर संचालित करना है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला निवेशकों का भरोसा मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है, खासकर तब जब शेयर पहले ही भारी गिरावट झेल चुका है।

पिछले एक साल में भाविश अग्रवाल की हिस्सेदारी में लगातार कमी आई है। FY24 के अंत में उनकी हिस्सेदारी करीब 69.65% थी, जो IPO के बाद और अब इस लेनदेन के बाद घटकर लगभग 29.4% रह गई है। हालांकि, Ola Electric ने स्पष्ट किया है कि प्रमोटर कंट्रोल पूरी तरह सुरक्षित है। कंपनी के मुताबिक,“लेनदेन के बाद भी प्रमोटर ग्रुप के पास लगभग 34% हिस्सेदारी बनी रहेगी, जो नई पीढ़ी की लिस्टेड कंपनियों में सबसे ज्यादा मानी जाती है।”
ओला इलेक्ट्रिक का बिजनेस परफॉर्मेंस भी हाल के महीनों में दबाव में रहा है। कंपनी की EV स्कूटर मार्केट शेयर करीब 30% से घटकर लगभग 7% रह गई है, जिससे वह बाजार में पांचवें स्थान पर पहुंच गई है।
हालांकि ऑटोमोटिव बिजनेस दूसरी तिमाही में EBITDA पॉजिटिव हुआ, लेकिन रेवेन्यू और बिक्री वॉल्यूम में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा कंपनी ने FY26 के लिए अपनी रेवेन्यू गाइडेंस भी घटा दी है, जो आने वाले समय को लेकर सतर्क संकेत देता है।
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